बहुत से चेहरों को नफरत हो जाएगी !
थोड़ी अकड़ रखना भी जरूरी है,
क्योकि अकसर सीधे पेड़ जल्दी काटे जाते हैं।
सलवार सूट पर मुझे उसकी छोटी सी बिंदी पसंद है....
हां मुझे अंग्रेजी से ज्यादा हिंदी पसंद है...
दुनिया को छोड़ो सबसे पहले उसे खुश रखो,
जिसे तुम रोज आयने में देखते हो।जिंदगी बेहद आसान हो अगर हर,
शक्स एक दुसरे से और खुद से,
प्यार करने की कला सिख जाये !मौजूद तो हूँ मैं इस दुनिया की भीड़ में,
अब तलाश अपने वजूद की कर रहा हूँ।
माँएं अपनी बेटियों के साथ जितनी सख़्त होती हैं,
उतने ही कोमल होते हैं पिता
अपनी बेटियों के लिए...
माँओं को फ़िक्र रहती है,
कि पराए घर में सबकुछ कैसे संभालेगी...
पिताओं को यकीं होता है,
कि "मेरी बेटी है, सब संभाल लेगी"
कर्मो से डरिये ईश्वर से नहीं....
ईश्वर माफ़ कर देता है....
कर्म नहींइंसानियत दिल में होती है हैसियत में नही,
उपरवाला कर्म देखता है वसीयत नही.कर्म की गठरी लाद के जग में फिरे
इंसान जैसा करे वैसा भरे
यहीं विधि का विधान !
तेरी बेवफाई के अंगारों में,
लिपट रही ये स्ह मेरी
मैं इस तरह आग न होता,
जो हो जाती तू मेरी
एक सांस से दहक जाता है
शोला दिल का
शायद हवाओ में फैली है खुशबू तेरी
अब वो आग नहीं रही,
न शोलो जैसा दहकता हूँ,
रंग भी सब के जैसा है,
सबसे ही तो महकता हूँ
एक अरसे से हूँ थामे कश्ती को भवर में,
तूफ़ान से भी ज्यादा साहिल से डरता हूँ
-जाकिर खान