बह जाती काश यादें भी
आँसुओ के साथ तो एक दिन
हम भी रो लेते तसल्ली से बैठ कर
कितना भी खुश रहने की कोशिश कर लो
जब कोई बेहद याद आता है तो
सच में बहुत रुलाता है
कभी रो के मुस्कुराए
कभी मुस्कुरा के रोए
जब भी तेरी याद आई
तुझे भुला के रोए
एक तेरा ही तो नाम था
जिसे हज़ार बार लिखा
जितना लिख के खुश हुए
उस से ज़यादा मिटा के रोए
खुद के लिए इक सज़ा मुकर्रर कर ली मैंने
तेरी खुशियो की खातिर तुझसे दूरियां चुन ली मैंने
वापसी का सफ़र अब न मुमकिन होगा
हम निकल चुके हैं आँख से आँसू की तरह।
आँसू भी मेरी आँख के अब खुश्क हो गए
तुम ने मेरे खुलूस की कीमत भी छीन ली।
नींद मे भी बहने लगते है हमारे आँख़ों से आंसू
जब कभी तुम ख़्वाबों मे मेरा हाथ छोंड़ देते हो
आया नहीं था कभी मेरी आँख से एक अश्क भी
मोहब्बत क्या हुई अश्कों का सैलाब आ गया
वो आती नही पर निसानी भेज देती हैं..♥
ख्वाबो में दास्तां पुरानी भेज देती हैं..♥♥
कितने मिठे है उनके यादो के मंजर..♥
कभी-कभी आखो में पानी भेज देती हैं..
अश्क बन कर आँखों से बहते हैं
बहती आँखों से उनका दीदार करते हैं
माना की ज़िंदगी मे उन्हे पा नही सकते
फिर भी हम उनसे बहुत प्यार करते हैं
हिम्मत इतनी थी समुन्दर भी पार कर सकते थे
मजबूर इतने हुए कि दो बूँद आँसुओं ने डुबो दिया
आंसुओसे पलके भिगा लेता हूँ
याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ
सोचा की भुलादु तुझे मगर
हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ
सुहाना मौसम था हवा में नमी थी
आँसुओ की बहती नदी अभी अभी थमी थी,
मिलने की चाहत बहुत थी उनसे
पर उनके पास वक़्त और हमारे पास सांसो की कमी थी।
अच्छा हुआ ये आँसू बेरंग है वरना हर सुबह..मेरे तकिये का बदला हुआ रंग
मेरी तन्हाई की हकीकत ब्यान कर देता !!
मत पूछोये इश्क कैसा होता है !
बस यहीं समझ लीजिए जो रूलाता है ना
उसे ही गले लगाकर रोने को जी चाहता है !!
पगली तेरी मोहब्बत ने मेरा यह हाल कर दिया है !
मैँ नही रोता लोग मुझे देख के रोते है !!
जो मेरा था वो मेरा हो नहीं पाया !आँखों में आंसू भरे थे पर मैं रो नहीं पाया !!
रोकने की कोशिश तो बहुत की पलकों ने !
पर इश्क में पागल थे आंसू खुदकुशी करते रहे !!
लगता है भूल चूका हूँ, मुस्कुराने का हुनर !कोशिश जब भी करता हूँ, आंसू निकल ही आते है !!
तुम आँख कि बरसात बचाए हुए रखना !
कुछ लोग अभी....आग लगाना नही भुले !!
मत पूछो मेरे दिल का हाल.आपके दिल भी बिखर जाएँगे !
इस लिए नही सुनाते अपने दिल का दर्द किसी को !
ये सुनके तो तन्हाई के भी आँसू निकले !!
अपनी तो ``ज़िन्दगी`` की अजीब कहानी है !
जिस चीज़ की चाहा है वो ही ''बेगानी'' है !
हँसते भी है तो दुनिया को ''हँसाने'' के लिए !
वरना दुनिया डूब जाये इन आखों में इतना पानी है !!
ले लो वापिस वो आँसू, वो तड़प, वो यादें सारी !
नहीं कोई जुर्म मेरा तो फिर ये सजाएँ कैसी !!
हमसफ़र कितना ही सच्चा और प्यारा क्यों ना हो !
बाबुल के घर से बिछड़ने का दुख एक बेटी ही जान सकती है !!
ले लो वापस, ये आँसू ये तड़प और ये यादें सारी !
नहीं हो तुम अगर मेरे, तो फिर ये सज़ाएं कैसी !!
इतना रोया मेरी मौत पे मुझे जगाने के लिए !
मे मरता ही क्यूं अगर वो रो देता मुझे पाने के लिए !!
आँसू मुस्कुराहट से ज्यादा अच्छे होते है जानते हो क्यूँ !
क्यूँकि मुस्कुराहट सभी के लिये होती है !
और आँसू किसी खास के लिये होते है !!
हमें तो फेक दिया उसने खराब कह कर !अब रोती हे पगली
मेरे lafzo को अलफाज कह कर !!
जैसे निकलती है हवा सूखे पत्तो से !
वैसे ही आँखो से ख्वाब होकर निकलते गये !
बिना माँगे ही दुख मिला हैं बहुत ए रब्बा !
बस एक प्यार ही ना मिला जो हम माँगते रहे !!
वो कहती है, अचानक मैं तुम्हे यूँ ही रुला दूँ तो !मैं कहता हूँ , मुझे डर है के तुम भी भीग जाओगी !!
हिम्मत इतनी थी समुन्दर भी पार कर सकते थे !
मजबूर इतने हुए कि दो बूँद आँसुओं ने डुबो दिया !!
दर्द दे कर इश्क़ ने हमे रुला दियाजिस पर मरते थे !उसने ही हमे भुला दिया.
हम तो उनकी यादों में ही जी लेते थे !मगर उन्होने तो यादों में ही ज़हेर मिला दिया !!
लफ्ज़ जब बरसते हैं बन कर बूँदें !
मौसम कोई भी हो मन भीग ही जाता है !!
अब भी हसीन सपने आँखों में पल रहे हैं !
पलकें हैं बंद फिर भी आँसू निकल रहे हैं !
नींदें कहाँ से आएँ बिस्तर पे करवटें ही !
वहाँ तुम बदल रहे हो यहाँ हम बदल रहे हैं !!
अधूरी हसरतो का आज भी इल्जाम हैँ !तुम परअगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत खत्म नहीँ होती !!