ज़िन्दगी के सफ़र में आपका सहारा चाहिए !
आपके चरणों का बस आसरा चाहिए !
हर मुश्किलों का हँसते हुए सामना करेंगे !
बस ठाकुर जी आपका एक इशारा चाहिए !!
तुम नहीं हो पास मगर तन्हाँ रात वही है !
वही है चाहत यादों की बरसात वही है !
हर खुशी भी दूर है मेरे आशियाने से !
खामोश लम्हों में दर्द-ए-हालात वही है !!
मोहब्बत के बिना रवानी क्या होगी !
मोहब्बत नहीं तो कहानी क्या होगी !
आग का दरियाहो या प्यार की कश्ती !
मोहब्बत नहीं तो जिंदगानी क्या होगी !!
उनकी याद में बेकरार हो जाता क्यों है !
उनकी बात में उमड़ जाता क्यों है !
प्यार करना है तो इजहार क्यों नहीं करता !
अपने साथ उनके दिल को सताता क्यों है !!
चाहत ने तेरी मुझको कुछ इस तरह से घेरा !
दिन को हैं तेरे चरचे रातों को ख्वाब तेरा !
तुम हो जहाँ वहीं पर रहता है दिल भी मेरा !
बस इक ख्याल तेरा क्या शाम क्या सवेरा !!
दर्द की शाम हो या सुख का सवेरा हो !
सब गवांरा है मुझे साथ बस तेरा हो !
जीते जी मर के भी हाथ में हाथ रहे !
तेरा मेरा साथ रहे धूप हो छाया हो !!
हम भी है कुछ अधूरे से तेरे बिना !
इतना की अलफ़ाज़ में नही बोल सकते !
बिना बोले समझ जाती है तू मुझे !
इसी सुकून से जी रहा हु आज भी यहा !!
दिल के टूटने से नही होती है आवाज़ !
आंसू के बहने का नही होता है अंदाज़ !
गम का कभी भी हो सकता है आगाज़ !
और दर्द के होने का तो बस होता है एहसास !!
जिन्दगी की राहों में बहुत से यार मिलेगें !
हम क्या हमसे भी अच्छे हजार मिलेगें !
इन अच्छों की भीड में हमे ना भूला देना !
हम कहॉ आपको बार बार मिलेगें !!
वफ़ा का लाज हम वफा से निभायेगें !
चाहत के दीप हम आँखों से जलाएंगे !
कभी जो गुजरना हो तुम्हें दूसरे रास्तों से !
हम फूल बनकर तेरी राहों में बिखर जायेंगे !!