हर बात मानी है तेरी
सिर झुका कर ऐ ज़िंदगी,
हिसाब बराबर कर तू भी
तो कुछ शर्ते मान मेरी ।
Har Baat Maani Hai Teri
Sar Jhuka Kar Ai Zindagi.
Hisaab Baraabar Kar Too Bhi
To Kuchh Sharte Maan Meri.
ज़िन्दगी के सफ़र में आपका सहारा चाहिए !
आपके चरणों का बस आसरा चाहिए !
हर मुश्किलों का हँसते हुए सामना करेंगे !
बस ठाकुर जी आपका एक इशारा चाहिए !!
तुम नहीं हो पास मगर तन्हाँ रात वही है !
वही है चाहत यादों की बरसात वही है !
हर खुशी भी दूर है मेरे आशियाने से !
खामोश लम्हों में दर्द-ए-हालात वही है !!
मोहब्बत के बिना रवानी क्या होगी !
मोहब्बत नहीं तो कहानी क्या होगी !
आग का दरियाहो या प्यार की कश्ती !
मोहब्बत नहीं तो जिंदगानी क्या होगी !!