चाहत ने तेरी मुझको कुछ इस तरह से घेरा !
दिन को हैं तेरे चरचे रातों को ख्वाब तेरा !
तुम हो जहाँ वहीं पर रहता है दिल भी मेरा !
बस इक ख्याल तेरा क्या शाम क्या सवेरा !!
from : Four Line Shayari