Ek pal me zingagi bhar ki udasi de gaae
एक पल में ज़िन्दगी भर की उदासी दे गया !
वो जुदा होते हुए कुछ फूल बासी दे गया !
नोच कर शाखों के तन से खुश्क पत्तों का लिबास !
ज़र्द मौसम बाँझ रुत को बे-लिबासी दे गया !!
एक पल में ज़िन्दगी भर की उदासी दे गया !
वो जुदा होते हुए कुछ फूल बासी दे गया !
नोच कर शाखों के तन से खुश्क पत्तों का लिबास !
ज़र्द मौसम बाँझ रुत को बे-लिबासी दे गया !!