तुम साथ होते हो तो
बुरा वक्त भी आसानी से कट जाता है
तुम साथ होते हो तो
नहीं डराती आशंकाएं
तुम साथ होते हो तो
हर मुसीबत से लड़ने की आ जाती है हिम्मत
तुम साथ होते हो तो
दो गुना हो जाता है आत्मविश्वास
सचमुच बड़ा करिश्माई है तुम्हारा साथ
ना जाने क्या-क्या कर गुजरती हूँ
तू आदत है या तलब
इश्क है या चाहत
तू दिल में है या साँसों में
तु दीवानगी है या मेरी आशिकी
तू ज़िन्दगी है या फिर एक किस्सा
पर जो भी है सिर्फ तू है
न जाने क्यो इश्क मुझे मोमबत्ती स लगता है
शुरवात मैं जम तो जाता है
पर धिरे - धिरे पिघलना शुरू हो जाता है
अंधेरे से भरी जिन्दगी मैं आ कर
कुछ पल के लिए रोशनी तो लाता है।
बाती के साथ साथ मोम भी पिघल जाता है
उसी तरह खुद भी जलता है
और सब को भी जला ले जाता है
अन्त में धूएं में धूएं सा रूप बना कर
न जाने किस और चला जाता है
वहां पर सिर्फ अपनी सोंधी - सोंधी खुशबू छोड़ जाता है
ना जाने क्यों इश्क मुझे मोमबत्ती की याद दिलाता है।
भीड़ कैसी भी हो नही खोउंगा मैं
तेरा ही तो हूँ तेरा ही होऊँगा मैं
फूल से भी नाज़ुक है मुश्कान तेरी
खुदा की कशम तू ही है जान मेरी
बनाकर के अपना तुम्हे
सपने सजोउंगा मै
मोहब्बत जीत होती है
मगर ये हार जाती है।
कभी दिल सोज लम्हों से
कभी बेकार रस्मों से
कभी तक़दीर वालों से
कभी मज़बूर क़समों से
मोहब्बत जीत होती है
मगर ये हार जाती है।
कभी ये चाँद जैसी है
कभी ये धूप जैसी है
किसी का चैन बनती है
किसी को रोल देती है
कभी ये लम्हे पर जाती है
कभी ये मार जाती है
मोहब्बत जीत होती है
मगर ये हर जाती है।
मिलो ना कभी
मिलो ना कभी के तुमसे दो बात बोल दूं
खुद से जो कहता हूं
वह राज में खोल दूं।
यह इश्क है मोहब्बत है ना जाने और क्या है
ख्यालों में इन राहों में बस उनका चेहरा है ।
मिलो ना
मिलो ना के खुद को हम अब
खोते जा रहे हैं
तन्हा इन रातों में रफ्ता रफ्ता
तेरे होते जा रहे हैं
प्यार करके कोई जताए ये जरूरी तो नही
याद करके कोई बताये ये जरूरी तो नही
रोने वाला तो दिल में ही रो लेता है
आँख में आंसू आये ये जरूरी तो नही
कातिलाना नजरे तेरी
करती है घायल मुझको
रातों में नींद उड़ादे
इस कदर चाहता हूँ मैं बेहद तुमको।
ख्वाबों में है तेरा बसेरा
कब्जा कर रखा है ख्वाबों ने इस दिल पे
देखूं हर घड़ी सपनो में तुझको
इस कदर मैं चाहता हु तुमको।
बेकरारी है तुमसे मिलने की
तुम्हे मुस्कुराता देखूं तो मिल जाती राहत दिल को
प्यासी है मेरी निगाहें नसीली है तेरी आंखें
हर वक्त ख्वाब में मैं देखूं तुझको
जब भी कहीं देखूं तुझे में
तो ठंडक मिल जाती मुझको
राहत हो इस दिल की तुम
अपनी जान से जाड़ा चाहा है तुमको।
दिल में बसाया है
प्यार करता हूं हद्द से जाड़ा मैं तुझको
इस दिल की ख्वाइश हो तुम
हर दुआ में मैं मांगू तुमको
कातिलाना नजरे तेरी करती है घायल मुझको।
जिस पल तुम्हारी गली से गूजर कर जाऊं
वहाँ सन्नाटे की तरह छा जाऊं
मेरे आने का जिकर भी न करू
बस तुम से मिलने का सन्देश छोड़ आऊं
वहाँ सोंधी-सोंधी खुशबू छोड़
कब तुम्हारे जहन में एक पहेली सी बन जाऊं
बिन कुछ कहे
कब तुम्हारे आशियां पे कब्जा कर जाऊं
तुमसे इस गुसताखी की इज्जाजत भी न लाऊं
तुम्हारे इनकार करने पर भी
बस
तुमसे हाँ की उम्मीद लगाए जाऊं
दिमाग के सौ तर्क क्यों
दिल के एक बहाने से हार जाता है?
तुमसे दूर जाकर भी क्यों
तेरे ही इंतजार में पलकें बिछाता है?
तू मेरा नहीं ये जान कर भी क्यों
ये तेरी ही यादों में सुकून पाता है?
मोहब्बत में दर्द पाकर भी क्यों
ये हरपल मुस्कुराता है?
स्वंय को सुलझाता हुआ इंसान क्यों
प्रेम में उलझ सा जाता है?
सपनों की मंज़िल पास नहीं होती
ज़िंदगी हर पल उदास नहीं होती
ख़ुदा पे यकीन रखना मेरे दोस्त
कभी-कभी वो भी मिल जाता है जिसकी आस नहीं होती
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है
दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है
हर शाम किसी के लिए सुहानी नही होती
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नही होती
कुछ तो असर होता है दो आत्मा के मेल का
वरना गोरी राधा, सावले कान्हा की दीवानी न होती
सियासी आदमी की शक्ल तो प्यारी निकलती है
मगर जब गुफ़्तगू करता है चिंगारी निकलती है
लबों पर मुस्कुराहट दिल में बेज़ारी निकलती है
बड़े लोगों में ही अक्सर ये बीमारी निकलती है
इंकार को इकरार कहते हे
खामोशी को इज़हार कहते हे
क्या दस्तूर है इस दुनिया का
एक खूबसूरत सा धोखा हे
जिसे लोग ‘प्यार’ कहते हे.
सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा
ना जाने क्या बात थी उस शख्स में
पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं
वो सोचते हैं की हम कभी रोये ही नहीं
वो पूछते हैं कि ख्वाबो में किसे देखते हो
और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं
मुझे गम ये नहीं उसने मेरे दिल को जलाया है
खुशी इस बात की है आज ठंडक मिल गई उसको
बीते हुए लम्हों का एहसास हो
नजरो से दूर …दिल के पास हो
सुनहरी शामो की मीठी सी याद हो
खुदा से मांगी हुई इक अनसुनी फ़रियाद हो
चेहरे की उदासी …धड़कन की आवाज़ होमेरी अधूरी मुहब्बत अधूरा ख्वाब हो कैसे समझाऊँ तुम कितने ख़ास होबीते हुए लम्हो का एहसास हो……
तुमसे गले मिलकर बस एक बात बतानी है
तेरे सीने में जो धड़कती है वो मेरी निशानी है
वो दिन भी आयेगा
मेरे इंतज़ार में
जब तुम खडी होगी नज़रें बार बार रास्ते पर उठ रही होंगी घड़ी की सुईयां अटकी हुयी लगेंगी दिल की धडकनें बढ़ रही होंगी चेहरे पर पसीना माथे पर सलवटें होंगी तुम्हें उन हालात का अहसास होने लगेगा तुम्हारे इंतज़ार में जो मैंने सहा होगा प्रीत से मिलन की आस कुछ ऐसी ही होती है जिसने सही उसे ही महसूस होती है
तेरे दिल के दरो दीवार पर अपना नाम लिख दूँ
आ तुझे अपनी मैं सुबह शाम लिख दूँ
हर रात देखूँ तेरे सुहाने ख्वाब …
उन ख्वाबो में अपने सारे अरमान लिख दूँ
तेरे दिल के दरो दीवार पर अपना नाम…
तेरे एहसासो से लिपट जाऊँ
तेरी रूह में सिमट जाऊँ
तेरे कदमो में सारा जहान रख दूँ
तमाम हसरतो को अपनी तेरे नाम लिख दूँ
तेरे दिल के दरो दीवार पर अपना नाम लिख दूँ……
छुप -छुप कर प्यार नहीं होता !
साँसों से साँसों का यूँ तो
खुल कर व्यापार नहीं होता ,
यह भी सोलह आना सच है -
छुप- छुप कर प्यार नहीं होता !
कंटक में पुष्प विहँसते हैं
संकट में वीर सँवरते हैं
खुशियों में अश्रु थिरकते हैं -
तिल भर प्रतिकार नहीं होता !
यह भी सोलह आना सच है -
छुप- छुप कर प्यार नहीं होता !
है अक्स वही मन दर्पण में
शामिल दिल की हर धड़कन में
दिल रैन उसी की तड़पन में -
मिलकर इज़हार नहीं होता !
यह भी सोलह आना सच है -
छुप- छुप कर प्यार नहीं होता !
हर दिल में प्यार मोहब्बत हो
हर शह की यही इबादत हो
लहरों की मात्र इनायत हो -
पर दरिया पार नहीं होता !
यह भी सोलह आना सच है -
छुप- छुप कर प्यार नहीं होता !!
Love poem of the day
चलो हम भी मना लेते हैं !
एक क़तरा प्यार का आज!
नफरत भरे इस दौर में!
एक लिजलिजी सी चीज है प्यार!
सिर्फ भरोसे का व्यापार!
मुझे डर लगता है इस कदर!
महबूब तुझको लग जाये ना किसी की नज़र!
ये गुलाब से खिले हुए दिल!
कबूतर के जोड़ो से मिले हुए दिल!
किसी वीरान में फड़फड़ाते है!
एक हरे दरख्त के लिए तरस जाते है!
जमींन से आसमान तक देखता हूँ!
दिल के अरमान को फेंकता हूँ!
प्रेम के ढाई अक्षर पढ़ता हूँ!
कई किताबो से लड़ता हूँ!
बारी में प्रेम का ठौर तलाशता हूँ!
हाट से प्यारा उपहार लाता हूँ!
प्यार का यह दिन!
बड़े प्यार से मनाता हूँ|!
यूं तो तेरे -मेरे दरमिया हैं मीलों की दूरिया !
फिर भी ऐसा कोई पल नहीं की तु मेरे साथ नहीं !!
शिकवे भी हजारों हैं , शिकायतें भी बहुत है !
इस दिल को मगर उनसे मुहाब्बत भी बहुत है !
ये भी है तम्मना की उनको दिल से भुला दें !
इस दिल को मगर उनकी जरुरत भी बहुत है !!
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको !
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको !
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा !
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको !!
तू जहाँ रहे बस खुश रहे, चाहे साथ तेरे मैं रहूँ ना रहूँ !
तू रहे आबाद इस जहां मे, चाहे मैं तेरे इश्क मे बर्बाद रहूँ !!
ज़िन्दगी में कुछ न पा सके तो क्या गम है !
तेरे जैसा हमसफ़र पाया यह क्या कम है !
पाई है तेरे दिल में जो जगह !
वह क्या किसी ताज महल से काम है !!
निगाहों को झुकाकर इकरार कर दिया !
दिल में बसाकर दिल बेकरार कर दिया !
महफिल में सब लोग देखते ही रह गए !
मुस्कराकर उन्होंने जब प्यार कह दिया !!
जिन ख्याबों में तुम नही आती हो वो ख्याब अधूरे लगते हैं !
जिस दिन तुम्हारा दीदार न हो तो वो दिन अधूरा लगता है !!
जब खामोश आँखो से बात होती है !
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है !
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं !
पता नही कब दिन और कब रात होती है !!
लगता है तुम्हें नज़र में बसा लूँ !
औरों की नजरों से तुम्हें बचा लूँ !
कहीं चूरा ना ले तुम्हें मुझसे कोई !
आ तुझे मैं अपनी धड़कन में छुपा लूँ !!
पास आपके दुनिया का हर सितारा हो !
दूर आपसे गम का हर किनारा हो !
जब भी आपकी पलके खुले सामने वही हो !
जो आपको दुनिया में सबसे प्यारा हो !!
रूठे जो जिदगी तो मना लेगे हम !
मिले जो गम तो निभा लेगे हम !
बस तुम रहना साथ हमारे !
पिघलते आँसू मे भी मुस्कुरा लेगे हम !!
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैं !
तमाम उम्र तेरे नाम करने का दिल करता है !
एक मुकम्मल शायरी हैं तू कुदरत की !
तुजे ग़ज़ल बनाके जुबान पे लाने का दिल करता है !!
आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए !
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए !
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो !
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए !!
कहो तोह ___फूल ___बन जाऊं !
तुम्हारी ज़िन्दगी का असूल बन जाऊ !
सुना है रेत पे चल के तुम महक जाते हो !
कहो तो अबकी बार ज़मीन की धुल बन जाऊ !!
हम हर एक पल हस कर जिया करते है !
आपसे दिल की बात किया करते है !
आप बहुत खास हो हमारे लिए !
तभी हर वक्त आपको ही याद किया करते है !!
सिर्फ नजदीकियों से मोहब्बत हुआ नहीं करती !
फैसले जो दिलों में हो तो फिर चाहत हुआ नही करती !
अगर नाराज़ हो खफा हो तो शिकायत करो हमसे !
खामोश रहने से दिलो की दूरिया मिटा नही करती !!
खुशबु की तरह मेरी हर साँस मैं
प्यार अपना बसने का वादा करो !
रंग जितने तुम्हारी मोहबत के हैं
मेरे दिल में सजाने का वादा करो.!!
न जाने आप पर इतना यकीन क्यों है !
आप का ख्याल भी इतना हसीं क्यों है !
सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है !
फिर आँख से निकला आंसू नमकीन क्यों है !!
हर किसीका दिल में अरमान नहीं होता !
हर कोई दिल का मेहमान नहीं होता !
पर जो एक बार दिल में बस जाये !उसे भुला कर जीना आसान नहीं होता !!
दिल में छिपी यादों से सवारु तुझे !
तू देखे तो अपनी आँखों में उतारू तुझे !
तेरे नाम को लबो पे ऐसे सजाया हैं !
सो भी जाओ तो खाव्बो में पुकारू तुझे !!
चले गए है दूर कुछ पल के लिए !
मगर करीब है हर पल के लिए !
किसे भुलायेंगे आपको एक पल केलिए !
जब हो चूका है प्यार उम्र भर के लिए !!
तुम भी चाहत के समन्दर में उतर जाओगे !
खुशनुमा से किसी मंजर पे ठहर जाओगे !
हम ने यादों में तुम्हें इस तरह पिरोया है !
जो हम टूटे तो तुम भी बिखर जाओगे !!
मुस्कुराते हैं तो बिजली सी गिरा देते हैं !
बात करते हैं तो दीवाना बना देते हैं !
हुस्न वालों की नजर कयामत से कम नहीं !
आग पानी में भी नजरों से लगा देते हैं !!
तू मेरा है तेरा नाम कोई और न ले !
इन भीगती आँखों का जाम कोई और न ले !
कुछ इस लिए भी मैंने तेरा हाथ न छोड़ा !
तू गिर गया तो तुझे थाम कोई और न ले !!
इश्क़ सेहरा है दरिया है कभी सोचा तुमने !
तुझसे क्या है मेरा नाता कभी सोचा तुमने !
हाँ मैं तनहा हूँ ये इक़रार भी करता हूँ !
मगर किसने किया है तनहा कभी सोचा तुमने !
ये अलग बात है मैंने जताया नहीं तुमको !
वरना कितना तुझको है चाहा कभी सोचा तुमने !
तुझे आवाज़ लिखा, फूल लिखा, प्यार भी लिखा !
मैंने क्या क्या लिखा कभी सोचा तुमने !
मुतमईन हूँ तुझे लफ़्ज़ों की हरारत देकर !
मैंने तुझे कितना सोचा कभी सोचा तुमने !!
एक आस एक एहसास मेरी सोंच और बस तुम !
एक सवाल एक मजाल तुम्हारा ख्याल और बस तुम !
एक बात एक शाम तुम्हारा साथ और बस तुम !
एक बात एक फ़रियाद तुम्हारी याद और बस तुम !
मेरा जुनून मेरा सुकून बस तुम... और बस तुम !!