मेरे इंतज़ार में
जब तुम खडी होगी
नज़रें बार बार
रास्ते पर उठ रही होंगी
घड़ी की सुईयां
अटकी हुयी लगेंगी
दिल की धडकनें
बढ़ रही होंगी
चेहरे पर पसीना
माथे पर सलवटें होंगी
तुम्हें उन हालात का
अहसास होने लगेगा
तुम्हारे इंतज़ार में
जो मैंने सहा होगा
प्रीत से मिलन की आस
कुछ ऐसी ही होती है
जिसने सही
उसे ही महसूस होती है from : Love Poems in Hindi