मगर ये हार जाती है।
कभी दिल सोज लम्हों से
कभी बेकार रस्मों से
कभी तक़दीर वालों से
कभी मज़बूर क़समों से
मोहब्बत जीत होती है
मगर ये हार जाती है।
कभी ये चाँद जैसी है
कभी ये धूप जैसी है
किसी का चैन बनती है
किसी को रोल देती है
कभी ये लम्हे पर जाती है
कभी ये मार जाती है
मोहब्बत जीत होती है
मगर ये हर जाती है।