बीते हुए लम्हों का एहसास हो
नजरो से दूर …दिल के पास हो
सुनहरी शामो की मीठी सी याद हो
खुदा से मांगी हुई इक अनसुनी फ़रियाद हो
चेहरे की उदासी …धड़कन की आवाज़ हो
मेरी अधूरी मुहब्बत अधूरा ख्वाब हो
कैसे समझाऊँ तुम कितने ख़ास हो
बीते हुए लम्हो का एहसास हो……