चलो हम भी मना लेते हैं !
एक क़तरा प्यार का आज!
नफरत भरे इस दौर में!
एक लिजलिजी सी चीज है प्यार!
सिर्फ भरोसे का व्यापार!
मुझे डर लगता है इस कदर!
महबूब तुझको लग जाये ना किसी की नज़र!
ये गुलाब से खिले हुए दिल!
कबूतर के जोड़ो से मिले हुए दिल!
किसी वीरान में फड़फड़ाते है!
एक हरे दरख्त के लिए तरस जाते है!
जमींन से आसमान तक देखता हूँ!
दिल के अरमान को फेंकता हूँ!
प्रेम के ढाई अक्षर पढ़ता हूँ!
कई किताबो से लड़ता हूँ!
बारी में प्रेम का ठौर तलाशता हूँ!
हाट से प्यारा उपहार लाता हूँ!
प्यार का यह दिन!
बड़े प्यार से मनाता हूँ|!
from : Love Poems in Hindi