इश्क़ सेहरा है दरिया है कभी सोचा तुमने !
तुझसे क्या है मेरा नाता कभी सोचा तुमने !
हाँ मैं तनहा हूँ ये इक़रार भी करता हूँ !
मगर किसने किया है तनहा कभी सोचा तुमने !
ये अलग बात है मैंने जताया नहीं तुमको !
वरना कितना तुझको है चाहा कभी सोचा तुमने !
तुझे आवाज़ लिखा, फूल लिखा, प्यार भी लिखा !
मैंने क्या क्या लिखा कभी सोचा तुमने !
मुतमईन हूँ तुझे लफ़्ज़ों की हरारत देकर !
मैंने तुझे कितना सोचा कभी सोचा तुमने !!
from : Love Poems in Hindi