भीड़ कैसी भी हो नही खोउंगा मैं तेरा ही तो हूँ तेरा ही होऊँगा मैं !फूल से भी नाज़ुक है मुश्कान तेरी खुदा की कशम तू ही है जान मेरी बनाकर के अपना तुम्हे सपने सजोउंगा मै !
from : Love Poems in Hindi