Poetry Tadka

Hindi Shayari हिंदी शायरी लिखा हुआ

Trees And Birds

अब तो परिंदे भी सुस्ता लेते है बिजली के तारों पर !
पेड़ की डालियाँ अब कहाँ बची हैं मेरे शहर में !! Trees and birds

Wo Nahi Mera Mgar

वो नहीं मेरा मगर...उससे मोहब्बत है तो है !
ये अगर...रस्मों-रिवाज़ों से बगावत है तो है !!

Mai Rupya Hun

मै रूप्या हूँ मै बोलता नहीं पर सबकी बोलती बंद कर देता हूँ !! mai rupya hun

Bankar Bunden

लफ्ज जब बरसते हैँ बनकर बुँदेँ !
मौसम कोई भी हो मन भीग ही जाता है !!

Khudgarz Ban Gae Ho Tum

मर्जी से जीने की बस ख्वाहिश की थी मैंने !
और वो कहते हैं कि खुदगर्ज़ बन गए हो तुम !!