कहते हैं की हर चीज़ की एक इन्तेहा होती है !
फिर ये मुहब्बत क्यूँ किसी से बे इंतेहा होती है !!
मिला दो उन फूलों को जो दूर हो गए !
भुला दो उन भूलों जो मजबूर हो गए !
प्यार के दरिया में जिंदगी की नाव हो !
रहने दो उन बातों को जो मगरूर हो गए !!
जो झुकते है ज़िन्दगी में वह बुजदिल नहीं होते !
यह हुनर होता है उनका हर रिश्ता निभाने का !!
मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है !
जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको हमारा ये पेगाम हैं !
वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो !
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो !!
कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं ! मौका जिसको मिला बदनाम कर दिया ! प्यार प्यार ना रहा इल्जाम हो गया !खून अपनी मोहब्बत का सरेआम हो गया !!
जिनकी आँखे बात बात मे भीग जाती है !
वो क़मजोर नही होते बल्कि दिल से सच्चे होते है !!
खामोशियों से अब कोई बात ना होगी !
उनके बिना तो अब कोई रात ना होगी !
हर पल रहेगें वह अब तो साथ हमारे !
सामने होगी सपनों में मुलाकात ना होगी !!
चाहे तो हमे दिल से मिटा-देना !
चाहे तो हमे दिल से भुला-देना !
मगर आए जो कभी मेरे याद !
आए जान रोना मत सिर्फ़ मुस्कुरा-देना !!
थोड़ी सी तो मेहरबान हो जा मुझ पर...ऐ खुशी !
थक गया हूँ हँसी की आड़ में गम छुपाते छुपाते !!
ना जाने क्या कहा था डूबने वाले ने समंदर से !
लहरें आज तक साहिल पे अपना सर पटकती हैं !!