Poetry Tadka

Shero Shayari

Ab Kiske Liae Lout Ke Aana Chahe

उसी की तरह मुझे सारा ज़माना चाहे !
वो मेरा होने से ज़्यादा मुझे पाना चाहे !
मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा उसका !
ये मुसाफ़िर तो कोई और ठिकाना चाहे !
एक बनफूल था इस शहर में वो भी न रहा !
कोई अब किस के लिए लौट के आना चाहे !!

Rango Ke Bina Zindagi Me Rang Kya Hoga

रंगों के बिना जिंदगी में रंग क्या होगा !
तुम नहीं तो जिंदगी का ढंग क्या होगा !
तुम्हारे बिना कटता नहीं इक पल हमारा !
तन्हाईयों से भरी रात का संग क्या होगा !!

Apne Nahi To Apno Ka Sath Kya Hoga

अपने नहीं तो अपनों का साथ क्या होगा !
सपनों में हो उनसे मुलाकात तो क्या होगा !
सुबह से शाम तक हमें इंतजार हो जिनका !
वादों में कटे रात तो रात का क्या होगा !!

Ek Pal

कभी काली सियाह रातें हमें एक पल की लगती है !
कभी एक पल बिताने मे जमाने बीत जाते है !!

Zmana Beet Jata Hai

कभी नजरे मिलानेे मे जमाना बीत जाता है !
कभी नजरे चुराने मे जमाना बीत जाता है !!