Poetry Tadka

Shero Shayari

Ulfatme Aksar Aesa Hota Hai

उल्फत में अक्सर ऐसा होता है !
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है !
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी !
हमसफर उनका कोई और होता है !!

Saki Ko Sikhaaenge

ग़ज़लों का हुनर साकी को सिखायेंगे !
रोएंगे मगर आँसू नहीं आयेंगे !
कह देना समंदर से हम ओस के मोती हैं !
दरिया की तरह तुझसे मिलने नहीं आयेंगे !!

Dil Ki Baat

खामोशियो से युँ न मुझको सज़ा दो !
दिल की बात को हौले हौले से कह दो !!

Hatho Me Ho Zaam Zaroori To Nahi

चल पड़ते है कदम जिस तरफ़ तेरी याद मिले !
हर सफ़र का हो कोई मकाम ज़रूरी तो नही !
बगिया लगती है खुबसूरत, हसीन फूलों से !
खुशबू बिखेरे वोह तमाम ज़रूरी तो नही !
बहेकने के लिए तेरा एक खयाल काफी है सनम !
हाथो मे हो फ़िर से कोई जाम ज़रूरी तो नही !!

Mujhe Dekhne Se Pahle

मुझे देखने से पहले साफ़ कर;अपनी आँखों की पुतलियाँ ग़ालिब !
कहीं ढक ना दे मेरी अच्छाइयों को भी;नज़रों की ये गन्दगी तेरी !!