तु कोशिश तो कर किसी गरीब की मदत करने की !
ये तेरे होठ खुद व खुद ही मुस्करा देंगे !!
ढल रही हैं ज़िन्दगी बुझ गई शमा परवाने की !
अब वजह जीने की नहीं मिलती यहाँ !
ज़नाब आपको अब भी पड़ी हैं मुस्कराने की !!
तन्हाइयों का एक अलग ही सुरुर होता है !
इसमें डर नहीं होता.किसी से बिछड जाने का !!