मुझे तेरी बेरुख़ी का कोई शिकवा ना गिला है ! लेकिन मेरी वफ़ा का मुझे कुछ तो अब सिला दे ! वो दिल कहाँ से लाऊँ तेरी याद जो भुला दे ! मुझे याद आने वाले कोई रास्ता बता दे !!
आ छुले ज़मीन आसमान की आस ना कर ! जी ले ये ज़िन्दगी खुशियों की तलाश ना कर ! गमो को कर दूर तेरी किश्मत भी बदले गी ! मुश्कुराना सीख उसे पाने की चाहत ना कर !!