Zakhmi Dil Shayari
Itna Zhar Kafi Hai
उन्हो ने अपने लबो से लगाया और छोड़ दिया !
वे बोले इतना जहर काफी है तेरी मौत के लिए !!
Sara Vazood Zakhmi Hai
एक ज़ख्म नही सारा वजूद ही ज़ख्मी है !
दर्द भी हैरान है कि उठूँ तो कहाँ से उठूँ !!
Hme Dard Ke Angaro Pe Chalne Doo
हमें दर्द के अंगारों पर चलने दो खामोश यूँ ही !
ज़ख्मों ने ज़ुबाँ खोली तो कितना कुछ कह जाएंगे !!
Na Choda Mushkurane Ke Qabil
ना हम रहे दिल लगाने के क़ाबिल !ना दिल रहा गम उठाने के क़ाबिल !लगा उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर !ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबिल !!
Mere Zalhmo Pe Usne Bhi Marham
मेरें जख्मों पर उसने भी मरहम लगाया, ये कहकर !
कि जल्दी से ठीक हो जाओ अभी तोऔर भी जख्म देने बाकि है !!
Hamne Bhi Kabhi Chaha Tha
हमने भी कभी चाहा था एक ऐसे शख्स को !
जो आइने से भी नाज़ुक था मगर था पत्थर का !!
Zism Ke Ghaw
जिस्म के घाव तो भर ही जायेंगे एक दिन !
खेरियत उनकी पूछ ए-दोस्त, जिनके दिल पर वार हुआ है !!
Mujhe Ek Ne Bola
मुझे एक ने बोला कि 99% लड़कियाँ धोखे बाज होती हैं !
तो मैने कहा सुन बे ढक्कन बचे हुये 1% मे मेरी वाली आती है !!
Ye Shayari Ki Mahfil
ये शायरी की महफ़िल बनी है,आशिकों के लिये !
बेवफाओं की क्या औकात, जो शब्दों को तोल सकें !!
Aadat Sikha Dali
हिज्र के आँचल में ही काँटे कुछ कम निकले I
वरना हमने तो पाँवों को जख्म खाने की आदत सिखा डाली II
Rojana Ssural Jana Thik Nahi Hai
वो बोली तुम मेरी गली में क्यु नहीं आते !
मेने कहा पागल रोजाना सुसराल जाना ठीक नहीं है !!
Mana Ki Khud Chal Kar Aaae Hai
माना की खुद चल कर आये हैं तेरे दर पर ऐ मोहबत !
मगर दर्द दर्द और सिर्फ दर्द ये कहाँ की मेहमान नवाजी है !!
Dard Bhara Ahsas
कितना अजीब शौक पाला है दर्द भरा अहसास लिखने का !
लिखू तो लोग परेशान न लिखू तो दिल परेशान !!
Kuch To Shrafat Sikh Le
कुछ तो शराफत सीख ले ऐ मोहबत, शराब से !
बोतल पे कम से कम लिखा तो है कि "मै जानलेवा हूँ !!
Koshis Ke Baad Bhi Mukammal Naa
कोशिश के बाद भी जो मुकम्मल ना हो सके !
तेरा नाम भी उन्ही ख्वाहिशों में शामिल है !!
Kya Mujhsa Bhi Jeet Ke Hara
वो मेरा होकर भी मुझसे जुदा सा रहा !
क्या कोई मुझसा भी जीत के हारा होगा !!
Barbadi Ka Dosh
बर्बादी का दोष दुश्मनो को देते रहे !
दोस्तो को भी परखा होता तो अच्छा होता !!
Mohabbat Ki Dastan
दो शब्दो मे सिमटी है मेरी मोहब्बत की दास्तान !
उसे टूट कर चाहा और चाह कर टूट गये !!
Jab Koi Chahat Nakam Hoti Hai
जब कोई चाहत नाकाम हो जाती है !
मंजिलों की जैसे फिर शाँम हो जाती है !
हसरतें बिखरती हैं कुछ इसतरह अपनी !
जिन्दगी ही दर्द का एक नाम हो जाती है !!