Mana ki khud chal kar aaae hai माना की खुद चल कर आये हैं तेरे दर पर ऐ मोहबत !मगर दर्द दर्द और सिर्फ दर्द ये कहाँ की मेहमान नवाजी है !! from : Jakhmi Dil Shayari