Poetry Tadka

Shero Shayari

Bekhre Bekhre Hai Halaat

आँसुओं और शराबों में गुजारी है हयात !
मैं ने कब देखी थी बरसात मुझे होश नहीं !
जाने क्या टूटा है पैमाना कि दिल है मेरा !
बिखरे-बिखरे हैं खयालात मुझे होश नहीं !!

Mujhe Hosh Nahi

कितनी पी कैसे कटी रात मुझे होश नहीं !
रात के साथ गई बात मुझे होश नहीं !
मुझको ये भी नहीं मालूम कि जाना है कहाँ !
थाम ले कोई मेरा हाथ मुझे होश नहीं !!

Mujhse Bewfai

मुझसे बेवफाई की इन्तहा क्या पूछते हो !
वह मुझसे मोहब्बत दिखती है किसी और के लिए !!

mujhse bewfai

Milawat Hai Tere Ishq Me

मिलावट है तेरे इश्क में इत्र और शराब की !
कभी हम महक जाते हैं तो कभी बहक जाते हैं !!

Barbad Kar Do

तुम्हारी सुन्दर आँखों का मकसद कहीं ये तो नहीं !
कि जिसको देख लें उसे बरबाद कर दें !!