कुछ पल खामोशियों में खुद से रूबरू हो लेने दो यारों !
ज़िन्दगी के शोर में खुद को सुना नहीं मुद्दतों से मैंने !!
जफ़ा के जिक्र पे तुम कयूँ संभल के बैठ गये !
तुम्हारी बात नहीं बात है जमाने की !!
दुनिया लाख खूबसूरत हो मगर फिर भी !
तेरा ख़याल दिलकशीं है मेरे लिये !!
तुझसे हमे कोई शिकायत नहीं है
शिकायत तो हमे अपनी किस्मत से है !
प्यार किया भी तो उसे जिसे कोई फर्क
नहीं पड़ा हमारे जीने या मरने से !!