Poetry Tadka

Sad Shayari

Uska Intezaar

उस शख्स का इन्तजार मुझे उम्रभर रहा !
जो दो कदम साथ चलकर छोड़ गया मुझे !!

Dil Ki Basti

उस दिल की बस्ती में आज अजीब सा सन्नाटा है, जिसमें कभी तेरे नाम की महफ़िल सजा करती थी

Bhut Guroor Tha Mujhe Us

बहुत गरूर था मुझे उस सख्स पर
जिसे में मोहबत करता था !
कमबख्त ने मोहबत को इस तरह बिखेरा
की समेटने का भी मन नही किया !!

Kal Usko Dekha Kisi Aur Ke Saath

मैंने प्यार किया बड़े जोश के साथ !
पर हम अब प्यार करेंगे बड़ी सोच के साथ !
क्योंकि कल उसे देखा मैंने किसी और के साथ !!

Pta Nahi Rab Ne Kis Mitti Se

सर्द रातों मे जगकर हर पल तुम्हें याद करते रहे !
दुआओ मे , ईबादत मे , तेरे लिए फरीयाद करते रहे !
पर इतने दुआओ का न तुझपे असर कोई आया था !
पता नही किस मिट्टी से , रब ने तुझे बनाया था !!