मेरे इंतज़ार में जब तुम खडी होगी नज़रें बार बार रास्ते पर उठ रही होंगी घड़ी की सुईयां अटकी हुयी लगेंगी दिल की धडकनें बढ़ रही होंगी चेहरे पर पसीना माथे पर सलवटें होंगी तुम्हें उन हालात का अहसास होने लगेगा तुम्हारे इंतज़ार में जो मैंने सहा होगा प्रीत से मिलन की आस कुछ ऐसी ही होती है जिसने सही उसे ही महसूस होती है
तेरे दिल के दरो दीवार पर अपना नाम लिख दूँ आ तुझे अपनी मैं सुबह शाम लिख दूँ हर रात देखूँ तेरे सुहाने ख्वाब … उन ख्वाबो में अपने सारे अरमान लिख दूँ तेरे दिल के दरो दीवार पर अपना नाम… तेरे एहसासो से लिपट जाऊँ तेरी रूह में सिमट जाऊँ तेरे कदमो में सारा जहान रख दूँ तमाम हसरतो को अपनी तेरे नाम लिख दूँ तेरे दिल के दरो दीवार पर अपना नाम लिख दूँ……
छुप -छुप कर प्यार नहीं होता ! साँसों से साँसों का यूँ तो खुल कर व्यापार नहीं होता , यह भी सोलह आना सच है - छुप- छुप कर प्यार नहीं होता ! कंटक में पुष्प विहँसते हैं संकट में वीर सँवरते हैं खुशियों में अश्रु थिरकते हैं - तिल भर प्रतिकार नहीं होता ! यह भी सोलह आना सच है - छुप- छुप कर प्यार नहीं होता ! है अक्स वही मन दर्पण में शामिल दिल की हर धड़कन में दिल रैन उसी की तड़पन में - मिलकर इज़हार नहीं होता ! यह भी सोलह आना सच है - छुप- छुप कर प्यार नहीं होता ! हर दिल में प्यार मोहब्बत हो हर शह की यही इबादत हो लहरों की मात्र इनायत हो - पर दरिया पार नहीं होता ! यह भी सोलह आना सच है - छुप- छुप कर प्यार नहीं होता !! Love Poem Of The Day
चलो हम भी मना लेते हैं ! एक क़तरा प्यार का आज! नफरत भरे इस दौर में! एक लिजलिजी सी चीज है प्यार! सिर्फ भरोसे का व्यापार! मुझे डर लगता है इस कदर! महबूब तुझको लग जाये ना किसी की नज़र! ये गुलाब से खिले हुए दिल! कबूतर के जोड़ो से मिले हुए दिल! किसी वीरान में फड़फड़ाते है! एक हरे दरख्त के लिए तरस जाते है! जमींन से आसमान तक देखता हूँ! दिल के अरमान को फेंकता हूँ! प्रेम के ढाई अक्षर पढ़ता हूँ! कई किताबो से लड़ता हूँ! बारी में प्रेम का ठौर तलाशता हूँ! हाट से प्यारा उपहार लाता हूँ! प्यार का यह दिन! बड़े प्यार से मनाता हूँ|!