वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे
दुनिया में हम खुश नसीब होंगे
दूर से जब इतना याद करते है आपको
क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे
शायरी शॊक नहीं और ना ही कारोबार मेरा.!
बस दर्द जब सह नहीं पाती तो लिख लेती हूँ.!
जिसकी याद मे हमने खर्च की जिन्दगी अपनी
वो शख्श आज मुझको गरीब कह के चला गया
आज शायरी नही बस इतना सुन लो,
मैं हूँ तन्हा और वजह तुम हो