Poetry Tadka

Intezaar Shayari

Hum To Intzaar Karte Karte

हम तो इन्तेजार करते करते अब मर जायेंगे

कोइ तो आये ऐसा जिन्दगी में जो बेवफा ना हो

hum to intzaar karte karte

Zara Si Fursat

ज़रा सी फुर्सत निकाल कर हमारा क़त्ल ही कर दो

यूँ तेरे इन्तजार में तड़प-तड़प के मरना हमसे नहीं होता.

zara si fursat

Nikle Duniya Ki

निकले हम दुनिया की भीड़ में तो पता चला 

की हर वो शख्स अकेला है जिस जिसे ने मोहब्बत की है 

nikle duniya ki

Kisi Ka Intezaar

किसी के इन्तेजार की तलब जरूरी है.

वर्ना वक्त गुजरता जरूर है कटता नही

kisi ka intezaar

Tumhara Intezar Hai

तुम पुकार लो, तुम्हारा इन्तज़ार है

ख़्वाब चुन रही है रात, बेक़रार है

तुम्हारा इन्तज़ार है

होंठ पे लिये हुए दिल की बात हम

जागते रहेंगे और कितनी रात हम

मुख़्तसर सी बात है, तुमसे प्यार है

तुम्हारा इन्तज़ार है...