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Shayari in Hindi

ye saal bhi aakhir beet gaya

कोई हार गया कोई जीत गया, 

ये साल भी आखिर बीत गया

dil tod diya ye kah ke

किसी ने आज ये कहके दिल तोड़ दिया 

की लोग तेरे नहीं तेरे शायरी के दीवाने है 

dil tod diya ye kah ke

whi mujhko akele

वही मुझको अकेला कर गयी, 

जो कभी दुआओ में मांगती थी

soya huaa hai

सोया हुआ है मुझमें कोई शख्स आज रात 

लगता है अपने जिस्म से बाहर खड़ा हूँ मैं.

dhaga hi samajh

धागा ही समझ, तू अपनी "मन्नत" का मुझे 

तेरी दुआओ के मुकम्मल होने का दस्तूर हूँ मैं

ajeeb se hain

इस शहर के अंदाज़ भी अजीब से हैं,

गूँगों से कहा जाता है बहरों को पुकारो.