इश्क़ कर लीजिये बेइंतिहा किताबों से
एक यही हैं जो अपनी बातों से पलटा नहीं करतीं !!
कुछ और तो नही है मेरे गरीब दामन में !
अगर कबूल हो तो अपने होँठोँ की हँसी दे दूँ !!