Poetry Tadka

Emotional Shayari

Itni Mithi Naa Boliae

इतना मीठा ना बोलिये जनाब !
याद आ जाते है वो फरेब के दिन !!

Sabr Ka Imtihan Kya Doo Mai

इस से बढ कर अपने सब्र का इम्तीहान क्या देता मै !
मेरा प्यार मेरे ही कांधे पर सर रख कर रो रहा था किसी और के लिये !!

Patthar To Bhut Mare

पत्थर तो बहुत मारे थे लोगों ने मुझे लेकिन !
जो दिल पर आ के लगा वो किसी अपने ने मारा था !!

Baat Mere Tanhai Ki

अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की !
तुम क्या समझो तुम क्या जानो बात मेरी तन्हाई की !!

Wade Nibha Nibha Ke Thak

ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सीखा दो !
वादे नीभा नीभा के थक गया हूँ मैं !!