Bharosa Shayari
Mujhey Khamoosh
मुझे खामोश देखकर इतना हैरान क्यों होते हो दोस्तों....
कुछ नहीं हुवा है बस भरोसा कर के धोखा खाया है....
Naseeb Se Zeyada
नसीब से ज्यादा भरोसा किया था तुम पर,
नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गये !!
Zara Se Zingdagi
जरा सी जिन्दगी में, व्यवधान बहुत हैं,
तमाशा देखने को यहाँ, इन्सान बहुत हैं !!
कोई भी नहीं बताता, ठीक रास्ता यहाँ,
अजीब सें इस शहर में, 'नादान' बहुत हैं !!
न करना भरोसा भूल कर भी किसी पे,
यहाँ हर गली में साहब बेईमान बहुत हैं !!
दौड़तेे फिरते हैं, न जाने क्या पाने को,
लगे रहते है जुगाड़ में, परेशान बहुत हैं !!
खुद ही बनाते हैं हम, पेचीदा जिंदगी को,
वर्ना तो जीने के नुस्खे, आसान बहुत हैं !!
Rahne Do
बर्फ जैसा है पहले पानी होने दो ,
दिल मुश्किल में है आसानी होने दो ,,
अभी मिले हो भरोसा कर लूं कैसे ,
कुछ तो पहचान पुरानी होने दो ,,
Khud Me Bharosa
खुद में काबिलियत हो तो भरोसा कीजिये साहिब।
सहारे कितने भी अच्छे हो साथ छोड जाते है...