nazar par shayari, aankho pe shayari, निगाहें शायरी, नजरें शायरी
कुछ मतलब के लिए ढूँढते हैं मुझको
बिन मतलब जो आए तो क्या बात है
कत्ल कर के तो सब ले जाएँगे दिल मेरा
कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है
रात क्या ढली सितारे चले गए
गैरों से क्या शिकायत जब हमारे चले गए
जीत सकते थे हम भी इश्क़ की बाज़ी
पर उनको जिताने की धुन में हम हारे चले गए
एक दिन हम तुम से दूर हो जायेंगे
अंधेरी गलियों में यूं ही खो जायेंगे
आज हमारी फिक्र नहीं है आपको
कल से हम भी बेफिक्र हो जायेंगे
दर्द कितना खुशनसीब है
जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं,
दौलत कितनी बदनसीब है
जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है.
जिंदगी इतना दर्द नहीं देती
की मरने को जी चाहे,
बस लोग इतना दर्द देते है की
जीने को मन नहीं करता !😊
सही कहा न दोस्तों😢
तुम दिल में ना समाते तो भुला देते तुम्हे
तुम इतना पास ना आते तो भुला देते तुम्हे
ये कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई
आँखों में आँसूं ना आते तो भुला देते तुहे
मैं मुसाफ़िर हूँ ख़तायें भी हुई होंगी मुझसे !
तुम तराज़ू में मग़र मेरे पाँव के छाले रखना !!