निगाहों पे निगाहों के पहरे होते हैं !
इन निगाहों के घाव भी गहरे होते हैं !
न जाने क्यों कोसते है लोग दीवानों को !
बर्बाद करने बाले तो हसीन चेहरे होते हैं !
from : Nazar Shayari