Poetry Tadka

Zakhmi Dil Shayari

Zakhmi Dil On Poetry

याद हैं मुझे आज भी उसके आखिरी अल्फ़ाज़ !
जी सको तो जी लेना वरना मर जाओ तो बेहतर है !!

Mujhe Pyar Nahi Karna

जा बेवफा जा मुझे प्यार नहीं करना !
तन्हा ही जिलेंगे जब है तन्हा मरना !! mujhe pyar nahi karna

Haath Me Zaam Hai

रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं !
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं !
ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज !
हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं !!

Gulab Kaisa Rang Laya Hai

देख तेरा दिया हुआ गुलाब कैसा रँग लाया है !
जो सज न सका तेरी डोली में आज मेरे जनाजे पे काम आया है !!

Zakhmo Ko Bharne Me Waqt To Lagta

हमने इलाजे-ज़ख़्मे-दिल तो ढूँढ़ लिया, लेकिन !
गहरे ज़ख़्मों को भरने में वक़्त तो लगता है !!