Poetry Tadka

Pyar Bhari Shayari

Wo Aankho Se Srarat Karte Hai

वो आँखों से यूँ शरारत करते हैं !
अपनी अदा से भी कयामत करते हैं !
निगाहें उनकी भी चेहरे से हटती नहीं !
और वो हमारी नजरों से शिकायत करते हैं !!

Kabile Tarif Hai

काबिले तारीफ है,,मेरे सनम की हर अदा !
वो उसका ना,,ना कहना और फिर मेरी बाँहों में चले आना !!

kabile tarif hai

Barasne Ke Baad

तुझसे मैँ इजहार-ए-मोहब्बत इसलिए भी नही करता !
सुना है बरसने के बाद बादलो की अहमियत नही रहती !!

Samajh Naa Paao Ge

कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे !
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे !
कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुमसे !
बहुत समझाना चाहोगे मगर समझा ना पाओगे !! samajh naa paao ge

Soch Rhi Hoo Khat Likhne Ki

सोच रही हूँ ख़त लिखने की लेकिन क्या पैग़ाम लिखूँ !
तुझ बिन काटी रात लिखूँ या साथ गुज़ारी शाम लिखूँ !!