Poetry Tadka

Love Shayari

Ishq Se Mahfooz Samajhte Rhe

वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज़समझते रहे !
नादां इतना भी नहीं समझते कि इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है !!

Apne Deewane Ko Staya Nahi Karte

यूँ दूर रह कर दूरियों को बढ़ाया नहीं करते !
अपने दीवानों को सताया नहीं करते !
हर वक़्त बस जिसे आपका ख्याल हो !
उसे अपनी आवाज़ के लिए तड़पाया नहीं करते !! apne deewane ko staya nahi karte

Chabhiya Mere Gharki

एक ही ख्वाब देखा है कई बार मेने !
तेरी साडी में उलझी है चाबियां मेरे घर की !! chabhiya mere gharki

Hum Bhi Mouzood The

हम भी मौजूद थे तकदीर के दरवाजे पे !
लोग दौलत पर गिरे , हमने तुजे मांग लिया !!

Khud Apni Nazro Se Gir Jata

खुद अपनी ही नज़रो मे गिर जाता हु मैं !
जब मेरी हर गलती पे मुस्कुरा के कहती है कोई बात नही !! khud apni nazro se gir jata