Poetry Tadka

Hindi Kahaniyan

Striyon Ko Samarpit

स्त्रियों को समर्पित 👵🏻👱🏻‍♀👵🏻

एक स्त्री द्वारा लिखित बेहद संवेदनशील और अन्दर तक झकझोरने वाला लेख..😢

मुझे याद नहीं कि बचपन में कभी सिर्फ इस वजह से स्‍कूल में देर तक रुकी रही होऊं कि बाहर बारिश हो रही है ना। भीगते हुए ही घर पहुंच जाती थी और तब बारिश में भीगने का मतलब होता था, घर पर अजवाइन वाले गर्म सरसों के तेल की मालिश और ये विदाउट फेल हर बार होता ही था। मौज में भीगूं तो डांट के साथ-साथ सरसों का तेल हाजिर।

फिर जब घर से दूर रहने लगी तो धीरे-धीरे बारिश में भीगना कम होते-होते बंद ही हो गया। यूं नहीं कि बाद में जिंदगी में लोग नहीं थे। लेकिन किसी के दिमाग में कभी नहीं आया कि बारिश में भीगी लड़की के तलवों पर गर्म सरसों का तेल मल दिया जाए। कभी नहीं।

ऐसी सैकड़ों चीजें, जो माँ हमेशा करती थीं, माँ से दूर होने के बाद किसी ने नहीं की।

किसी ने कभी बालों में तेल नहीं लगाया। माँ आज भी एक दिन के लिए भी मिले तो बालों में तेल जरूर लगाएं।

बचपन में खाना मनपसंद न हो तो माँ दस और ऑप्‍शन देती। अच्‍छा घी-गुड़ रोटी खा लो, अच्‍छा आलू की भुजिया बना देती हूं। माँ नखरे सहती थी, इसलिए उनसे लडि़याते भी थे। लेकिन बाद में किसी ने इस तरह लाड़ नहीं दिखाया। मैं भी अपने आप सारी सब्जियां खाने लगीं।

मेरी जिंदगी में मां सिर्फ एक ही है। दोबारा कभी कोई माँ नहीं आई, हालांकि बड़ी होकर मैं जरूर मां बन गई। लड़कियां हो जाती हैं न माँ अपने आप।

प्रेमी, पति कब छोटा बच्‍चा हो जाता है, कब उस पर मुहब्‍बत से ज्‍यादा दुलार बरसने लगता है, पता ही नहीं चलता। उनके सिर में तेल भी लग जाता है, ये परवाह भी होने लगती है कि उसका फेवरेट खाना बनाऊं, उसके नखरे भी उठाए जाने लगते हैं।

लड़कों की जिंदगी में कई माएं आती हैं। बहन भी माँ हो जाती है, पत्‍नी तो होती ही है, बेटियां भी एक उम्र के बाद बूढ़े पिता की माँ ही बन जाती हैं, लेकिन लड़कियों के पास सिर्फ एक ही माँ है। बड़े होने के बाद उसे दोबारा कोई माँ नहीं मिलती। वो लाड़-दुलार, नखरे, दोबारा कभी नहीं आते।

लड़कियों को जिंदगी में सिर्फ एक ही बार मिलती है ........माँ.👵🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻😢😢😢 Striyon Ko Samarpit

Nonk Jhonk A Hindi Story

नोंक_झोंक🤔

. इन 75-80 साल के अंकल आंटी का झगड़ा ही ख़त्म नहीं होता..... . एक बार के लिए मैंने सोचा अंकल और आंटी से बात करू क्यों लड़ते हैं, हर वक़्त आख़िर बात क्या है..... . फिर सोचा मुझे क्या मैं तो यहाँ दो दिन के लिए आया हूँ ..... . मगर थोड़ी देर बाद आंटी की जोर-जोर से बड़बड़ाने की आवाज़ें आयी तो मुझसे रहा नहीं गया ..... . ग्राउंड फ्लोर पर गया मैं तो देखा अंकल हाथ में वाइपर और पोछा लिए खड़े थे ..... . मुझे देखकर मुस्कराये और फिर फर्श की सफाई में लग गए..... . अंदर किचन से आंटी के बड़बड़ाने की आवाज़ें अब भी रही थी.....

. कितनी बार मना किया है ..... फर्श की धुलाई मत करो..... पर नहीं मानता बुड्ढा..... . मैंने पूछा अंकल क्यों करते हैं आप फर्श की धुलाई जब आंटी मना करती हैं तो"....... . अंकल बोले " बेटा, फर्श धोने का शौक मुझे नहीं इसे है। मैं तो इसीलिए करता हूं ताकि इसे न करना पड़े। . ये सुबह उठकर ही फर्श धोने लगेगी इसलिए इसके उठने से पहले ही मै धो देता हूं..... . क्या.....मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ।

. अंदर जाकर देखा आंटी किचन में थीं।" अब इस उम्र में बुढ़ऊ की हड्डी पसली कुछ हो गई तो क्या होगा। मुझसे नहीं होगी खिदमत।"आंटी झुंझला रही थीं। . परांठे बना कर आंटी सिल बट्टे से चटनी पीसने लगीं....... . मैंने पूछा "आंटी मिक्सी है तो फिर....." . "तेरे अंकल को बड़ी पसंद है सिल बट्टे की पिसी चटनी। बड़े शौक से खाते हैं। दिखाते यही हैं कि उन्हें पसंद नहीं।" . उधर अंकल भी नहा धो कर फ़्री हो गए थे। उनकी आवाज़ मेरे कानों में पड़ी," . बेटा, इस बुढ़िया से पूछ रोज़ाना मेरे सैंडल कहां छिपा देती है, मैं ढूंढ़ता हूं और इसको बड़ा मज़ा आता है मुझे ऐसे देखकर।" . मैंने आंटी को देखा वो कप में चाय उड़ेलते हुए मुस्कुराईं और बोलीं, . "हां मैं ही छिपाती हूं सैंडल, ताकि सर्दी में ये जूते पहनकर ही बाहर जाएं, देखा नहीं कैसे उंगलियां सूज जाती हैं इनकी। . "हम तीनो साथ में नाश्ता करने लगे ....... इस नोक झोंक के पीछे छिपे प्यार को देख कर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। . नाश्ते के दौरान भी बहस चली दोनों की।

. अंकल बोले .... "थैला दे दो मुझे , सब्ज़ी ले आऊं"...... . "नहीं कोई ज़रूरत नहीं, थैला भर भर कर सड़ी गली सब्ज़ी लाने की"। आंटी गुस्से से बोलीं। . अब क्या हुआ आंटी ....... मैंने आंटी की ओर सवालिया नज़रों से देखा, और उनके पीछे-पीछे किचन में आ गया।.... . "दो कदम चलने मे सांस फूल जाती है इनकी, थैला भर सब्ज़ी लाने की जान है क्या इनमें..... . बहादुर से कह दिया है वह भेज देगा सब्ज़ी वाले को।" . " मॉर्निंग वॉक का शौक चर्राया है बुढ़‌ऊ को"...... तू पूछ उनसे क्यों नहीं ले जाते मुझे भी साथ में। . चुपके से चोरों की तरह क्यों निकल जाते हैं.... "आंटी ने जोर से मुझसे कहा। "मुझे मज़ा आता है इसीलिए जाता हूं अकेले।"..... अंकल ने भी जोर से जवाब दिया । . अब मैं ड्राइंग रूम मे था, अंकल धीरे से बोले ....., रात में नींद नहीं आती तेरी आंटी को , सुबह ही आंख लगती है कैसे जगा दूं चैन की गहरी नींद से इसे ।"इसीलिए चला जाता हूं गेट बाहर से बंद कर के।"

. इस नोक झोंक पर मुस्कराता मे वापिस फर्स्ट फ्लोर पे आ गया..... . कुछ देर बाद बालकनी से देखा अंकल आंटी के पीछे दौड़ रहे हैं।..... . "अरे कहां भागी जा रही हो मेरे स्कूटर की चाबी ले कर..... इधर दो चाबी।" . "हां नज़र आता नहीं पर स्कूटर चलाएंगे। कोई ज़रूरत नहीं। ओला कैब कर लेंगे हम।" आंटी चिल्ला रही थीं। . "ओला कैब वाला किडनैप कर लेगा तुझे बुढ़िया।"। . "हां कर ले, तुम्हें तो सुकून हो जाएगा।"

. अंकल और आंटी की ये बेहिसाब नोंक-झोंक तो कभी ख़त्म नहीं होने वाली थी..... . मगर मैंने आज समझा था कि इस तकरार के पीछे छिपी थी इनकी एक दूसरे के लिए बेशुमार मोहब्बत और फ़िक्र...... . मैंने आज समझा था कि प्यार वो नहीं जो कोई "कर" रहा है ...... प्यार वो है जो कोई "निभा" रहा है ☺🙂☺ Nonk Jhonk a hindi story

Jeewan Ki Haqeeqat

*जीवन की हकीकत दर्शाती पोस्ट*

मेरी माँ का ब्लड प्रेशर और शुगर बढ़ा हुआ था, सो सवेरे सवेरे उन्हें लेकर उनके पुराने डॉक्टर के पास गया, क्लिनिक से बाहर उनके गार्डन का नज़ारा दिख रहा था जहां डॉक्टर साहब योग और व्यायाम कर रहे थे मुझे करीब 45 मिनिट इंतज़ार करना पड़ा। कुछ देर में डॉक्टर साहब अपना नींबू पानी लेकर क्लिनिक आये और माँ का चेकअप करने लगे। उन्होंने मम्मी से कहा आपकी दवाइयां बढ़ानी पड़ेंगी और एक पर्चे पर करीब 5 या 6 दवाइयों के नाम लिखे। उन्होंने माँ को दवाइयां रेगुलर रूप से खाने की हिदायत दी। बाद में मैंने उत्सुकता वश उनसे पूछा कि क्या आप बहुत समय से योग कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल से वो योग कर रहे हैं और ब्लड प्रेशर व अन्य बहुत सी बीमारियों से बचे हुए हैं!

मैं अपने हाथ मे लिए हुए माँ के उस पर्चे को देख रहा था जिसमे उन्होंने BP और शुगर कम करने की कई दवाइयां लिख रखी थी? 🌷🌷

*सर में भयंकर दर्द था सो अपने परिचित केमिस्ट की दुकान से सर दर्द की गोली लेने रुका। दुकान पर नौकर था ,उसने मुझे गोली का पत्ता दिया तो उससे मैंने पूछा गोयल साहब कहाँ गए हैं, तो उसने कहा साहब के सर में दर्द था सो सामने वाले कैफ़े में काफी पीने गये हैं अभी आते होंगे*!! मैं अपने हाथ मे लिए उस दवाई के पत्ते को देख रहा था ? 🌹🌹

अपनी बीवी के साथ एक ब्यूटी पार्लर गया। मेरी बीवी को हेयर ट्रीटमेंट कराना था क्योंकी उनके बाल काफी खराब हो रहे थे। रिसेप्शन में बैठी लड़की ने उन्हें कई पैकेज बताये और उनके फायदे भी। पैकेज 1200 से लेकर 3000 तक थे कुछ डिस्काउंट के बाद मेरी बीवी को उन्होंने 3000 रु वाला पैकेज 2400रु में कर दिया। हेयर ट्रीटमेंट के समय उनका ट्रीटमेंट करने वाली लड़की के बालों से अजीब सी खुशबू आ रही थी मैंने उससे पूछा कि आपने क्या लगा रखा है कुछ अजीब सी खुशबू आ रही है, तो उसने कहा उसने तेल में मेथी और कपूर मिला कर लगा रखा है इससे बाल सॉफ्ट हो जाते हैं और जल्दी बढ़ते हैं। मैं अपनी बीवी की शक्ल देख रहा था जो 2400 रु में अपने बाल अच्छे कराने आई थी। 🌷🌷🌷

*मेरी रईस कज़िन जिनका बड़ा डेयरी फार्म है उनके फार्म पर गया* । *फार्म में करीब 150 विदेशी गाय थी जिनका दूध मशीनों द्वारा निकाल कर प्रोसेस किया जा रहा था*। *एक अलग हिस्से में 2 देसी गैया हरा चारा खा रही थी।* *पूछने पर बताया घर उन गायों का दूध नही आता जिनका दुध उनके डेयरी फार्म से सप्लाई होता है बल्कि परिवार के इस्तेमाल के लिए इन 2 गायों का दूध,दही व घी इस्लेमाल होता है।* *मै उन लोगों के बारे में सोच रहा था जो ब्रांडेड दूध को बेस्ट मानकर खरीदते हैं* 🌷🌷

*एक प्रसिद्ध रेस्टुरेंट जो कि अपनी विशिष्ट थाली और शुद्ध खाने के लिए प्रसिद्ध है हम खाना खाने गये*। *निकलते वक्त वहां के मैनेजर ने बडी विनम्रता से पूछा सर, खाना कैसा लगा, हम बिल्कुल शुद्ध घी तेल और मसाले यूज़ करते हैं, हम कोशिश करते हैं बिल्कुल घर जैसा खाना लगे।* *मैंने खाने की तारीफ़ की तो उन्होंने अपना विजिटिंग कार्ड देने को अपने केबिन में गये।* *काउंटर पर एक 3 खण्ड का स्टील का टिफिन रखा था।* *एक वेटर ने दूसरे से कहा"सुनील सर का खाना अंदर केबिन में रख दे ,बाद में खाएंगे" मैंने वेटर से पूछा क्या सुनील जी यहां नही खाते तो उसने जवाब दिया" सुनील सर कभी बाहर नही खाते, हमेशा घर से आया हुआ खाना ही खाते हैं*"

*मैं अपने हाथ मे 670 रु के बिल को देख रहा था* 🌷🌷

ये कुछ वाकये हैं जिनसे मुझे समझ आया कि हम जिसे सही जीवन शैली समझते हैं वो हमें भृमित करने का जरिया मात्र है। हम मार्केटिंग के बैंक का ATM हैं जिसमें से कुशल मार्केटिंग वाले लोग मोटा पैसा निकाल लेते हैं। अक्सर जिन चीजों को हमे बेचा जाता है उन्हें बेचने वाले खुद इस्तेमाल नही करते।



*हम फार्वड पोस्ट पर खूब हंसते हैं लेकिन अपनो के लिखे विचार चाहे कविता या लेख हों, महत्वहीन समझ इग्नोर करते हैं। कृपया इसे एक बार पढें और समझे.?* *शायद विचारणीय हो*। 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 Jeewan Ki Haqeeqat

Sachcha Kissa

*आजकल की नालायक औलाद का इलाज*. अब 50+की पीढ़ी को बहुत समझदार होने की जरूरत है। इस तरह के केस हर दूसरे घर की कहानी हो गई है। *एक ऐसा ही सच्चा किस्सा आप को बताता हूं क्रपया पढें व अन्य बुजुर्गों को अवश्य भेजें* मेरे एक दोस्त के माता-पिता बहुत ही शान्त स्वभाव के थे मेरा मित्र उनकी इकलौती संतान था उसकी शादी हो चुकी थी। व उसके दो बच्चे थे। अचानक मां का देहांत हो जाता है।

एक दिन मेरा मित्र अंकल को कहता है कि पापा आप गैरेज में शिफ्ट हो जाओ क्योंकि आपकी वजह से आपकी बहू को परेशानी होती है। माताजी के गुजरने के बाद घर के सारे काम उसे करने पड़ते हैं। और आपके सामने उसे साड़ी पहन कर कार्य करने में परेशानी होती है। अंकल बिना कोई बात किये गैरेज में शिफ्ट हो जाते हैं। करीब पन्द्रह दिन बाद बेटे को बुलाकर दस दिन का उसके पूरे परिवार के लिए विदेश ट्रिप का पास देते हैं और कहते हैं कि जा बेटा सभी को घुमा ला सभी का मन हल्का हो जाएगा। पुत्र के जाने के बाद अंकल ने अपना छः करोड़ का मकान तुरंत तीन करोड़ में बेच दिया। अपने लिए एक अपार्टमेंट में अच्छा फ्लैट लिया। तथा बेटे का सारा सामान एक दूसरा फ्लैट किराये पर ले कर उसमें शिफ्ट कर दिया। जब बेटा घूम कर वापस आया तो घर पर एक दरबान बैठा था उसने बेटे को बताया कि यह मकान तो बिक चुका है।

जब बेटे ने पिता को फोन लगाया तो वह बन्द आ रहा था। उसे परेशानी में देख गार्ड बोला क्या पुराने मालिक को फोन कर रहे हो। उसके हां कहने पर वह बोला भाई उन्होंने अपना नंबर बदल लिया है आपके आने पर आपसे बात कराने की बोल कर गये थे। और गार्ड ने अपने फोन से नंबर लगा कर मेरे मित्र की अंकल से बात कराई फोन पर अंकल ने उसे वहीं रुकने के लिए कहा। थोड़ी देर में वहां एक कार आकर रुकी उसमें से अंकल नीचे उतरे उन्होंने मेरे मित्र को उसके किराये वाले फ्लैट की चाबी देते हुए कहा कि यह रही तेरे फ्लैट की चाबी एक साल का किराया मैंने दे दिया है अब तेरी मर्जी हो वैसे अपनी पत्नी को रख। और यह कह कर अंकल जी वहां से चले गए। और मेरा मित्र देखता रह गया। *यह एक नितांत सत्य जयपुर की ही घटना है* अतः अब बुजुर्गों को ऐसे नालायक बच्चों से साफ कह देना चाहिए कि हम तुम्हारे साथ नहीं रह रहे हैं तुम्हें हमारे साथ रहना है तो रहो अन्यथा अपना ठिकाना ढूंढ लो। Sachcha Kissa

Bartanon Ki Aawaz

बर्तनों की आवाज़ देर रात तक आ रही थी, रसोई का नल चल रहा है, माँ रसोई में है.... तीनों बहुऐं अपने-अपने कमरे में सोने जा चुकी, माँ रसोई में है... माँ का काम बकाया रह गया था,पर काम तो सबका था; पर माँ तो अब भी सबका काम अपना ही मानती है..

दूध गर्म करके, ठण्ड़ा करके, जावण देना है, ताकि सुबह बेटों को ताजा दही मिल सके; सिंक में रखे बर्तन माँ को कचोटते हैं, चाहे तारीख बदल जाये,सिंक साफ होना चाहिये....

बर्तनों की आवाज़ से बहू-बेटों की नींद खराब हो रही है; बड़ी बहू ने बड़े बेटे से कहा; "तुम्हारी माँ को नींद नहीं आती क्या? ना खुद सोती है और ना ही हमें सोने देती है" मंझली ने मंझले बेटे से कहा; "अब देखना सुबह चार बजे फिर खटर-पटर चालू हो जायेगी, तुम्हारी माँ को चैन नहीं है क्या?" छोटी ने छोटे बेटे से कहा; "प्लीज़ जाकर ये ढ़ोंग बन्द करवाओ कि रात को सिंक खाली रहना चाहिये" माँ अब तक बर्तन माँज चुकी थी

झुकी कमर, कठोर हथेलियां, लटकी सी त्वचा, जोड़ों में तकलीफ, आँख में पका मोतियाबिन्द, माथे पर टपकता पसीना, पैरों में उम्र की लड़खडाहट मगर, दूध का गर्म पतीला वो आज भी अपने पल्लू से उठा लेती है, और... उसकी अंगुलियां जलती नहीं है, क्योंकि वो माँ है । दूध ठण्ड़ा हो चुका, जावण भी लग चुका, घड़ी की सुईयां थक गई, मगर... माँ ने फ्रिज में से भिण्ड़ी निकाल ली और काटने लगी; उसको नींद नहीं आती है, क्योंकि वो माँ है!

कभी-कभी सोचता हूं कि माँ जैसे विषय पर लिखना,बोलना,बताना,जताना क़ानूनन बन्द होना चाहिये; क्योंकि यह विषय निर्विवाद है, क्योंकि यह रिश्ता स्वयं कसौटी है! रात के बारह बजे सुबह की भिण्ड़ी कट गई, अचानक याद आया कि गोली तो ली ही नहीं; बिस्तर पर तकिये के नीचे रखी थैली निकाली, मूनलाईट की रोशनी में गोली के रंग के हिसाब से मुंह में रखी और गटक कर पानी पी लिया... बगल में एक नींद ले चुके बाबूजी ने कहा;"आ गई" "हाँ,आज तो कोई काम ही नहीं था" -माँ ने जवाब दिया, और लेट गई,कल की चिन्ता में पता नहीं नींद आती होगी या नहीं पर सुबह वो थकान रहित होती हैं, क्योंकि वो माँ है!

सुबह का अलार्म बाद में बजता है, माँ की नींद पहले खुलती है; याद नहीं कि कभी भरी सर्दियों में भी, माँ गर्म पानी से नहायी हो उन्हे सर्दी नहीं लगती, क्योंकि वो माँ है! अखबार पढ़ती नहीं,मगर उठा कर लाती है; चाय पीती नहीं,मगर बना कर लाती है; जल्दी खाना खाती नहीं,मगर बना देती है, क्योंकि वो माँ है! माँ पर बात जीवनभर खत्म ना होगी, शेष अगली बार...

और हाँ,अगर पढ़ते पढ़ते आँखों में आँसु आ जाये तो कृपया खुलकर रोइये और आंसू पोछ कर एक बार अपनी माँ को जादू की झप्पी जरूर दीजिये, क्योंकि वो किसी और की नही,आपकी ही माँ है!

🙂 माँ
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