naraz mujh se hoti
मुझे उसकी ये नादान अदा खूब भाती हैं,
नाराज़ मुझसे होती हैं और गुस्सा सबको दिखाती हैं

kuch sapne hai
इन पलकों में कैद कुछ सपने है
कुछ बेगाने है कुछ अपने है
ना जाने कैसी कशिश है इन ख्यालो में
कुछ लोग दूर होकर भी कितने अपने है

Hamari doshti
भरोसा रखो हमारी दोस्ती पर, हम किसी का दिल दुखाया नही करते, आप और आपका अंदाज़ हमे अच्छा लगा, वरना हम किसी को दोस्त बनाया नही करते…