Poetry Tadka

Dard Bhari Shayari

Sookhey Patton Ki Tarah

सूखे पत्तों की तरह बिखरे हैं हम तो !
किसी ने समेत भी तो सिर्फ जलने के लिए !!

Zulm Itna Na Kar

ज़ुल्म इतना न कर के लोग कहें तुझे दुश्मन मेरा !
हमने ज़माने को तुझे अपनी जान बता रखा है !!

Dil Se Juda

इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए !
तुझको आँखों से नहीं दिल से जुड़ा करना है !!

Dil Se Juda

Bahut The Mere

बहुत थे मेरे भी इस दुनियां में अपने !
फिर इश्क़ हुआ और हम लावारिश हो गए !!

Dil Ne Socha Tha

दिल ने सोचा था की टूट कर चाहेंगे उसे !
सच मनो.. टूटे भी बहुत और चाहा भी बहुत !!