Poetry Tadka

Dard Bhari Shayari

Kahta Tha

कहता था तू न मिला तो मर जाऊंगा, वो आज भी ज़िंदह है !
यही बात किसी और को कहने के लिए !!

Waqt Tezi Se Nikla

वक़्त तेज़ी से बदल गया और तुम.वक़्त से भी तेज़ निकले !!

Meri Chahat

तेरी नफरत में वो दम नहीं जो मेरी चाहत को मिटा दे !
मेरी चाहत का समंदर तेरी सोंच से भी गहरा है !!

Meri Chahat

Kitne Ajeeb Hain

कितने अजीब हैं ये ज़माने के लोग !
खिलौना छोड़ कर जज़्बातों से खेलते हैं !!

Chata Har Jati Hai

मोहब्बत की अदालत में शिकायत नहीं कर सकता !
गिले शिकवे मुक़ाबिल हों तो चाहत हार जाती है !!