दूर बैठे रहोगे, पास न आओगे कभी !
ऐसे रूठोगे तो जान ले जाओगे कभी !
शोले बन जायेगें सभी फूल मेरे आंचल के !
तुम जो मोहब्बत की घटा बनके न छाओगे कभी !!
ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" होगी !
ना ज़ाने कौनसी रात🌌 "आख़री" होगी !
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से !
ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" आख़री होगी !!
कौन किस से चाहकर दूर होता है !
हर कोई अपने हालातों से मजबूर होता है !
हम तो बस इतना जानते हैं !
हर रिश्ता "मोती" औरहर दोस्त "कोहिनूर" होता है !!