Poetry Tadka

Nazar Shayari

Waqt Ke Har Sitam

मुझे मंज़ूर थे वक़्त के हर सितम मगर !
तुमसे बिछड़ जाना, ये सज़ा कुछ ज्यादा हो गयी !!

Tum Bhi Smajh Rhe Ho

तुम भी समझ रहे हो हम भी तो समझ रहे हैं !
फिर दिल के सवालो में हम क्यों उलझ रहे हैं !!

Rang Kitne Tumhari Mohabbat Ke

खुशबु की तरह मेरी हर साँस मैं
प्यार अपना बसने का वादा करो !
रंग जितने तुम्हारी मोहबत के हैं
मेरे दिल में सजाने का वादा करो !!

Bhookh Lage To Ye Bacche Aansu Pe Kar

भुख लगे तो ये बच्चे आँसु पीकर रह जाते हैं !
हाय गरीबों की मजबुरी ये क्या क्या सह जाते हैं !! bhookh lage to ye bacche aansu pe kar

Darwaze Band Ho Gae

हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में !
मोहब्बत का नाम लिया, दवाख़ाने बन्द़ हो गये !!