Nazar Shayari
Dard
बेहद प्यार किया था,बेइंतहा चाहत के साथ !
बेवजह छोड़ दिया उसने,बेइंतहा दर्द के साथ !!
बेवजह छोड़ दिया उसने,बेइंतहा दर्द के साथ !!
Khuda Ki Bandgi
ख़ुदा की बंदगी शायद अधूरी रह गई !
तभी तो तेरे मेरे दरमियां ये दूरी रह गई !!
तभी तो तेरे मेरे दरमियां ये दूरी रह गई !!
Ksoor Kya Tha
पुरी दुनिया से चुरा कर मुझे अपना बनाने वाली!
कसुर क्या था मेरा जो तन्हा छोड़ गयी !!
कसुर क्या था मेरा जो तन्हा छोड़ गयी !!
Smajhdar Ho Gae
कुछ ठोकरों के बाद समझदार हो गये !
अब दिल के मशवरो पर अमल नहीं करते !!
अब दिल के मशवरो पर अमल नहीं करते !!
Nzar Lgi Hai Zmani Ki
न जाने कैसी नज़र लगी है ज़माने की !
अब कोई वजह नही मिलती मुस्कुराने की !!
अब कोई वजह नही मिलती मुस्कुराने की !!