Zindagi Shayari
Zindagi Ke
Kyu Itrata Hai
वही करता और वही करवाता है ,
क्यू बंदे तू इतराता है ।
इक साँस भी नही है तेरे बस की ,
वही सुलाता और जगाता है
डूबा हुआ हूँ ना निकल पाऊँगा मैं कभी,
ख़ूबसूरत मुस्कुराहट और आँखों से तेरी.
Diwar Zindagi Se
एक और ईंट गिर गई दीवार ए जिंदगी से
नादान कह रहे हैं नया साल मुबारक हो
Zindagi Shayari
Fir Mat Kahna
रखा करो नजदीकियॉ.....
जिन्दगी का कुछ भरोसा नही....
फिर मत कहना....
चले भी गऐ और बताया भी नही....!