तुमको छुपा रखा हे इन पलकों मे !
पर इनको ये बताना नहीं आया !
सोते हुए भीग जाती है पलके मेरी !
पलकों को अब तक दर्द छुपाना नहीं आया !!
जब वो मिले हमसे अरसे बाद तो उन्होने पूछा हाल-चाल कैसा है,
तो मैने कहा तुम्हारी चली चाल से मेरा हाल बदल गया !!
बिन बात के ही रूठने की आदत है !
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है !
आप खुश रहें, मेरा क्या है;मैं तो आइना हूँ !
मुझे तो टूटने की आदत है. !!