Poetry Tadka

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Kaal Ek Insaan

कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि 

दुआयें दे गया, पता ही नहीँ चला की, गरीब वो था की मैं !!

kaal ek insaan

Dedar Ki Tlaab Ho

दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना !

क्यों कि 'नकाब' हो या 'नसीब' सरकता जरूर है !!

dedar ki tlaab ho

Wo Kmaya Hi Nahi

गठरी बाँध बैठा है अनाड़ी 

साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं !!

wo kmaya hi nahi

Maa Ki Duaa

ए मुसीबत जरा सोच के आ मेरे करीब 

कही मेरी माँ की दुवा तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये !!

 

maa ki duaa

Ahankaar

अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है !

की,माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये !!

ahankaar