दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना !
क्यों कि 'नकाब' हो या 'नसीब' सरकता जरूर है !!
गठरी बाँध बैठा है अनाड़ी
साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं !!
ए मुसीबत जरा सोच के आ मेरे करीब
कही मेरी माँ की दुवा तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये !!
अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है !
की,माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये !!