ना था तेरा कोई, ना तू किसिका अपना था
समझ बैठा जिसे तू सच, वो तो खैर एक सपना था
पाया क्या है तूने यहॉ, जो खो जाएगा
जागेगा ना कोई तेरी याद मे, सारा जहां सो जाएगा
एक दिन यमराज आए मेरे सपनों मे
ठंडी आवाज मे बोले, चल बहुत रह लिया अपनो मे
हम दोनों डरते थे एक दुसरे से बात करने में
मुझे इश्क था इसलिए उसे इश्क ना हो जाए इस लिए