Poetry Tadka

Mohabbat Shayari

Maine Sirf Tumse Beintiha Mohabbat Ki

मैने सिर्फ तुम से बेइन्तिहा __मोहब्बत__ कि है !
ना तुम को पाने के बारे मै सोचा है ना खोने के बारे मै !!

Hmari Adhuri Khani

जब कभी सिमटोगे इन बाहो मे आ कर !
मोहब्बत की दास्तां हम नही हमारि धड़कने सुनाएंगी II

Mohabbat To Dil

मुहब्बत तो दिल देकर, की जाती है मेरे दोस्त !
चेहरा देखकर तो लोग,सिर्फ सौदा करते हैँ !!

Mohabbat Kya Hai

मोहब्बत क्या है चलो दो लब्ज़ों में बताते है !
तेरा मजबूर करना मेरा मजबूर हो जाना !!

Tumse Mohabbat Nahi

कैसे ये कह दूं की तुमसे मोहब्बत नहीं !
मुँह से निकला झूठ.आँखों से पकड़ा जायेगा !!