न यूँ सँवारिये ज़ुल्फों को, जतन से अपनी अभी हवाओं के , झोंके भी घर से निकलेंगे लेटेस्ट शायरी, latest shayari, latest hindi shayari, लेटेस्ट हिंदी शायरी
जो उड गये परिंदे उनका क्या अफसोस करें यहां तो पाले हुए भी गैरों की छतों पर उतरते हैं लेटेस्ट शायरी, latest shayari, latest hindi shayari, लेटेस्ट हिंदी शायरी
मोहब्बत हाथ में पहनी गयी चूड़ी की तरह होती है खनकती है, संवरती है और आखिर टूट जाती है लेटेस्ट शायरी, latest shayari, latest hindi shayari, लेटेस्ट हिंदी शायरी