चाँद चीख़ता रहा मैं चाँद हूँ मै चाँद हूँ
मत पूछ कैसे गुज़र रही है ज़िन्दगी; उस दौर से गुज़र रहा हूँ जो गुज़रता ही नहीं।
from : Adhuri Mohabbat Shayari