खुदा आपको नजरे बद से बचाए
कही दोस्तों की नज़र न लग जाए
सलामत रहे ये सराबी निगाहे
कही दोस्तों की नज़र न लग जाए
मोहब्ब्बत के दिन है मोहब्बत के राते
लबो पे है हरदम मोहब्ब्बत की बाते
बड़ी खुबसूरत लगे जिन्दगानी
तेरे नाम कर दी है मैंने जवानी
क्यालो में भी ना कोई खुशबू चुराए
कही दोस्तों की नज़र न लग जाए
मै कैसे बताऊ तुम्हे अपनी मुश्किल
कोई तुम को देखे तो धडके मेरा दिल
कलेजे से तुम को लगा के रखूंगी
तुझे धडकनों में बसा के रखूँगी
मै बैठा हूँ पलकों में तुम को छुपाए
कही दोस्तों की नज़र न लग जाए
रब्बा मेरे इश्क़ किसी को
ऐसे ना तडपाये... होय
दिल की बात रहे इस दिल में
होठों तक ना आए
तुझे याद ना मेरी आई
किसी से अब क्या कहना
दिल रोया की अँख भर आई
किसी से अब क्या कहना
तुझे हर खुशी दे दी
लबों की हँसी दे दी
जुल्फों की घटा लहराई
पैगाम वफ़ा के लाई
तूने अच्छी प्रीत निभाई
किसी से अब क्या कहना...
वो चाँद मेरे घर-आँगन
अब तो आएगा
तेरे सूने इस आँचल को
वो भर जाएगा
तेरी कर दी गोद भराई
किसी से अब क्या कहना...
ख़ता हो गयी मुझसे
कहा कुछ नहीं तुमसे
इकरार जो तुम कर पाते
तो दूर कभी ना जाते
कोई समझे ना प्रीत पराई
किसी से अब क्या कहना..
तेरी एक छुअन से जागा ये कैसा एहसास
पहले तो महसूस हुई ना मुझको ऐसी प्यास
पहली पहली बार बलिये
दिल गया हार बलिये
रब्बा मैनूं प्यार हो गया
हाय दिल का करार खो गया
पहली पहली बार बलिये
दिल गई हार बलिये
रब्बा मैनूं प्यार... हो गया हाए दिल का करार खो गया
बोलें तेरी सोणी सोणी अक्खां मस्तानियां
प्यार के लिए ये देंगी लाखों क़ुर्बानियां
करके ऐतबार बलिये, दिल गया हार बलिये
रब्बा मैनूं प्यार... हो गया हाए दिल का करार खो गया
तेरे लिए तेरे लिए मरता है माहिया
फिर क्यूं जुदाई से दिल डरता है माहिया
तुझपे जां निसार बलिये, दिल गई हार बलिये
रब्बा मैनूं प्यार... हो गया हाए दिल का करार खो गया
छूकर मेरे मन को किया तूने क्या इशारा
बदला ये मौसम लगे प्यारा जग सारा
तू जो कहे जीवनभर तेरे लिए मैं गाऊँ
गीत तेरे बोलों पे लिखता चला जाऊँ
मेरे गीतों में तुझे ढूंढ़े जग सारा
आजा तेरा आँचल ये प्यार से मैं भर दूँ
खुशियाँ जहां भर की तुझको नजर कर दूँ
तू ही मेरा जीवन तू ही जीने का सहारा
गीतकार : अंजान
गायक : किशोर कुमार,
संगीतकार : राजेश रोशन,
चित्रपट : याराना (१९८१)
रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात
याद आये किसी से वो पहली मुलाक़ात
भीगे तन मन पड़े रस की फुहार
प्यार का सन्देसा लायी बरखा बहार
मैं ना बोलूँ, मैं ना बोलूँ आँखें करें अँखियों से बात
रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात
सुनके मतवाले काले बादलों का शोर
रूम झूम घूम घूम नाचे मन का मोर
सपनों का साथी चल रहा मेरे साथ
रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात
जब मिलते हो तुम तो छूटें दिल के तार
मिलने को तुम से मैं क्यों था बेक़रार
रह जाती है, रह जाती है क्यों होठों तक आके दिल की बात
रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात
याद आये किसी से वो पहली मुलाक़ात
रिम झिम के तराने लेके आयी बरसात
गीतकार : शैलेन्द्र
गायक : गीता दत्त - मोहम्मद रफी
संगीतकार : सचिनदेव बर्मन
एक प्यार का नगमा है, मौजो की रवानी है
जिन्दगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी है
कुछ पाकर खोना है, कुछ खोकर पाना है
जीवन का मतलब तो, आना और जाना है
दो पल के जीवन से एक उम्र चुरानी है
तू धार है नदिया की, मैं तेरा किनारा हूँ
तू मेरा सहारा है, मैं तेरा सहारा हूँ
आँखों में समंदर है, आशाओं का पानी है
तूफ़ान तो आना है, आ कर चले जाना है
बादल है ये कुछ पल का, छा कर ढल जाना है
परछईयाँ रह जाती, रह जाती निशानी है
गीतकार : संतोष आनंद
गायक : लता - मुकेश
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, चित्रपट : शोर (१९७२)
धीरे धीरे से मेरी ज़िन्दगी में आना
धीरे धीरे से मेरे दिल को चुराना
तुमसे प्यार हमें कितना है जान-ए-जाना
तुमसे मिलकर तुमको है बताना
जबसे तुझको देखा दिल को कहीं आराम नहीं
मेरे होंठों पे इक तेरे सिवा कोई नाम नहीं
अपना भी हाल तुम्हारे जैसा है साजन
बस याद तुझे करती हूँ और कोई काम नहीं
बन गया हूँ मैं तेरा दीवाना
धीरे धीरे से दिल को चुराना...
तुने भी अक्सर मुझको जगाया रातों में
और नींद चुरायी मीठी-मीठी बातों में
तुने भी बेशक मुझे कितना तड़पाया
फिर भी तेरी हर एक अदा पे प्यार आया
आजा-आजा अब कैसा शर्माना
धीरे धीरे से दिल को चुराना...
Movie : आशिकी (1990)
Music By : नदीम-श्रवण
Lyrics By : रानी मलिक
Performed By : कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल
ओ बाबूल प्यारे ..
ओ रोए पायल के छम छम
ओ सिसके सासों की सरगम
ओ निस दिन तुझे पुकारे मान, हो
ओ बाबूल प्यारे ..
तेरी ही बाहों में बचपन बीता, खिलती गयी जिंदगानी
ओ , आँधी ऐसी फिर चली, टूटी डाली से कली
बिन सावन के उजड़ा चमन, हो
ओ, बाबूल प्यारे ..
कैसे सुहागन बने ये अभागन, कौन बिताए डोली
कैसे आएगी बारात, कैसे पीले होंगे हाथ
कैसे बेटी बनेगी दुल्हन, हो
ओ, बाबूल प्यारे ..
जनक ने कैसे त्याग दिया, अपनी ही जानकी को
हो, बेटी भटके राहों में, माता डूबी आहों में
तरसे तेरे दरस को नयन, हो
ओ, बाबूल प्यारे
गीतकार : इंदीवर
संगीतकार : कल्याणजी आनंदजी
गायिका : लता मंगेशकर
चित्रपट : जॉनी मेरा नाम (१९७० )
शीशा हो या दिल हो आख़िर टूट जाता है
लब तक आते आते हाथों से सागर छूट जाता है
काफ़ी बस अरमान नहीं, कुछ मिलना आसान नहीं
दुनिया की मजबूरी है, फिर तकदीर ज़रूरी है
ये दो दुश्मन हैं ऐसे, दोनो राज़ी हो कैसे
एक को मनाऊँ तो, दूजा रूठ जाता है
बैठे थे किनारे पे, मौजों के इशारे पे
हम खेले तूफ़ानों से, इस दिल के अरमानों से
हमको ये मालूम न था, कोई साथ नहीं देता
माँझी छोड़ जाता है, साहील छूट जाता है
दुनिया एक तमाशा है, आशा और निराशा है
थोड़े फूल हैं, काँटे हैं, जो तकदीर ने बाटे है
अपना अपना हिस्सा है, अपना अपना किस्सा है
कोई लुट जाता है, कोई लूट जाता है
गीतकार : आनंद बक्षी
गायक : लता मंगेशकर,
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
चित्रपट : आशा (१९८०)
अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सावरे
तुम दूर नज़र आये, बड़ी दूर नज़र आये
बंद कर के झरोखों को ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम ही मुस्काए, मन में तुम ही मुस्काए
एक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है
पाकर तुझे, हाए मुझे कुछ होने लगा है
एक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ भूल के
यूँ ही उम्र गुजर जाए, तेरे साथ गुजर जाए
जीती हूँ तुम्हे देखके मरती हूँ तुम्हीं पे
तुम हो जहाँ साजन मेरी दुनियाँ है वही पे
दिन रात दुआ माँगे मेरा मन तेरे वास्ते
कही अपनी उम्मीदों का कोई फूल ना मुरझाए
मैं जब से तेरे प्यार के रंगो में रंगी हूँ
जगते हुए सोयी रही, नींदो में जगी हूँ
मेरे प्यार भरे सपने, कही कोई न छीन ले
मन सोच के घबराए, यही सोच के घबराए
गीतकार : रविन्द्र जैन, गायक : हेमलता,
संगीतकार : रविन्द्र जैन,
चित्रपट : अखियों के झरोखे से (१९७८)